मिठाई वाला – भगवती प्रसाद वाजपेयी

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II. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए

1.खिलौने वाले की मधुर आवाज का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता था?

उत्तर: खिलौने वाले की मधुर आवाज को सुनकर गली मोहल्ले और बाग बगीचे में खेलने वाले बच्चों का झुंड खिलौनों पर उमर पड़ता I तथा बच्चे अपने हाथों की नन्हीं नन्हीं उंगलियों से खिलौनों को छूकर और उन्हें उलट-पुलट कर खुश हो जाते थे I आसपास के घरों में हलचल सी मच जाती तथा बच्चे खिलौने लेने के लिए रोने लगते थे I

2. नगर भर में मुरली वाले के आने का समाचार क्यों फैल गया?

उत्तर: नगर भर में मुरली वाले के आने का समाचार इसलिए फैल गया क्योंकि मुरली वाला मुरली बजाने में उस्ताद था I वह मुरली बजाकर और गाना सुना कर अपनी मुरली बेचता था I वह मुरली इतनी सस्ती बेचता था कि उसे व्यवहार से सभी लोग प्रभावित थे I 3

3. रोहिणी को मिठाई वाले का स्वर सुनकर खिलौनेवाले ऑल मुरलीवाले का स्मरण क्यों हो गया?

उत्तर: खिलौनेवाले और मुरलीवाले के स्वर् (आवाज) में कोई अंतर नहीं था I मिठाई वाले का स्वर भी उन दोनों के समान था I इसीलिए रोहिणी को मिठाई वाले का स्वर सुनकर खिलौने वाले और मुरली वाले के स्मरण हो गया था I

4. मिठाई वाले ने अपनी मिठाइयों को क्या क्या विशेषताएं बताई?

उत्तर: मिठाई वाले ने अपनी मिठाइयों की विशेषताएं बताएं कि यह नई तरह की मिठाइयां है जो रंग बिरंगी, कुछ खट्टी कुछ मीठी, जायकेदार तथा मुंह में बहुत देर तक रहती है I इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि यह खासी को भी दूर करती है I

5. मिठाई वाले को अपने व्यवसाय मैं पैसे के अलावा क्या-क्या मिलता था?

उत्तर: मिठाई वाले को अपने व्यवसाय में पैसे के अलावा संतोष, धीरज और असीम सुख मिलता था I

6. रोहिणी को हर समय मिठाईवाले के संबंध में जानने की उत्सुकता क्यों थी?

उत्तर: रोहिणी एक भारतीय नारी थी I वह घर के अंदर ही रहकर अनुभव किया करती थी कि मिठाई वाले के शब्दों में एक प्रकार का दर्द छुपा हुआ था I मिठाई वाले की आवाज में बच्चों के प्रति प्रेम, स्नेह और संवेदना भरी हुई थी I वह बच्चों के प्रति संवेदनशील और भावुक था I इसीलिए रोहिणी को हर समय मिठाईवाले के संबंध में जानने की उत्सुकता थी I

7. फेरीवाले को गली के बच्चों पर ममता क्यों थी?

उत्तर: फेरी वाले को गली के बच्चों में अपने बच्चों की झलक दिखाई देती थी, इसीलिए फेरी वाले को गली के बच्चों पर ममता थी I

III. निम्न का संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए

1.बच्चे खिलौने देखकर पुलकित हो उठते. वे पैसे लाकर खिलौने का मोल-भाव करने लगते. पूछते – “इछका दाम क्या है, औल इछका? औल इछका?”

संदर्भ: प्रस्तुत वाक्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के ‘मिठाईवाला’ नामक पाठ से लिया गया है I इसके लेखक भगवती प्रसाद वाजपेयी जी है I

प्रसंग: इसमें लेखक ने बच्चों के कोमल भावनाओं का वर्णन किया है I

व्याख्या: लेखक का कहना है कि बच्चे खिलौने को बहुत प्यार करते हैं I खिलौने वाला जब भी खिलौने लेकर गलियों मैं बेचता या आवाज़ लगाता था तो गली मोहल्ले में खेलने वाले बच्चे खिलौनों के पास आ जाते थे I वह खिलौने को उलट-पुलट कर देखते और खुश हो जाते थे I खिलौने खरीदने के लिए अपने अपने घरों से पैसे लाकर बच्चे खिलौने वाले से मोलभाव करते थे I खिलौने वाले से खिलौने के दाम पूछने के समय अपने तोतली आवाज में पूछते थे “इछका दाम क्या है, औल इछका? औल इछका?” बच्चों के इस व्यवहार से खिलौने वाला खुश हो जाता था I

लेखक का कहने का तात्पर्य है कि बच्चे खिलौने को देखकर खुश हो जाते थे और उनका बाल सुलभ भावनाएं प्रकट हो जाती थी I

2. “भाई वाह! मुरली बजाने में वह एक ही उस्ताद है. मुरली बजाकर, गाना सुनाकर वह मुरली बेचता भी है सो भी दो-दो पैसे भला, इसमें उसे क्या मिलता होगा. मेहनत भी तो न आती होगी!”

संदर्भ: प्रस्तुत वाक्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के ‘मिठाईवाला’ नामक पाठ से लिया गया है I इसके लेखक भगवती प्रसाद वाजपेयी जी है I

प्रसंग: इसमें लेखक ने मुरली वाले के बारे में वर्णन किया है I

व्याख्या: लेखक का कहना है कि मुरली वाला एक अच्छा कलाकार था I वह मुरली बजाकर गाना सुना कर अपने मुरली बेचता था I नगर के लोग उसकी आवाज और मुरली के शुरू को बहुत पसंद करते थे I नगर के लोगों की नजर में वह मुरली बजाने में उस्ताद था I वह मुरली भी इतना सस्ती बेचता था कि उसका मेहनत के उपयुक्त मूल भी नहीं मिलता होगा l इस प्रकार नगर के लोग उसके व्यवहार से प्रभावित थे l लेकिन उसके व्यवहार के कारणों के बारे में किसी को कुछ पता नहीं था l

वास्तव में मुरली वाला एक प्रतिष्ठित व्यक्ति था जो असमय में ही अपने बच्चों को खो दिया था और इसीलिए वह अपने बच्चों की झलक और खुशी देखने के लिए कभी खिलौने वाला तो कभी मुरली वाला बनकर बच्चों की खुशियों में शामिल होता था l

3. मिठाईवाला हर्ष, संशय और विस्मयादि भावों मे डूबकर बोला – “इससे पहले मुरली लेकर आया था, और उससे भी पहले खिलौने लेकर.”

संदर्भ: प्रस्तुत वाक्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के ‘मिठाईवाला’ नामक पाठ से लिया गया है I इसके लेखक भगवती प्रसाद वाजपेयी जी है I

प्रसंग: इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक ने मिठाई वाले की भावनाओं का वर्णन किया है I

व्याख्या: लेखक का कहना है कि मिठाई वाला बच्चों को लुभाने के लिए मिठाई, मुरली और खिलौना आदि बेचता था l नगर के लोग उसके बदलते व्यवसाय के बारे में जानना चाहते थे l रोहिणी भी जानना चाहती थी कि वह क्यों अलग अलग रूपों में व्यवसाय करता था l मिठाई वाले के संबंध में जानने के लिए रोहिणी ने दादी से कहा कि वह मिठाईवाला से पूछे कि पहले भी आया था या पहली बार आ रहा है l यह सुनकर मिठाई वाले ने उत्तर दिया कि इससे पहले मुरली और उससे पहले खिलौने लेकर वह आया था l

लेखक का कहने का तात्पर्य है कि मिठाई वाला एक भावुक और प्रेमी व्यक्ति था l वह बच्चों की खुशी में अपनी खुशी देखता था l बच्चों को अच्छी और लुभाने वाली चीजों के माध्यम से मिठाई वाला बच्चों को खुश देखना चाहता था l

4. “अब व्यर्थ उन बातों की क्यों चर्चा करूं? उन्हें आप जाने ही दें. उन बातों को सुनकर आप को दु:ख ही होगा.”

संदर्भ: प्रस्तुत वाक्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के ‘मिठाईवाला’ नामक पाठ से लिया गया है I इसके लेखक भगवती प्रसाद वाजपेयी जी है I

प्रसंग: इसमें लेखक ने मिठाई वाले के अतीत के बारे में वर्णन किया है l

व्याख्या: मिठाई वाला कभी खिलौने वाला तो कभी मुरली वाला बनकर बच्चों के बीच में अपनी चीजें बेचता था l वह बच्चों से उचित दाम लेता और कभी कभी कम पैसे में भी सामान दे देता था l उसके इस व्यवहार के नगर के लोग समझ नहीं पाते थे l रोहिणी भी चकित हो उठी कि वह इस व्यवसाय में कितना कमा लेता होगा और अपनी उत्सुकता वह एक समय छुपा नहीं सकी और मिठाई वाले से पूछ लिया कि उसे अपने व्यवसाय से क्या मिलता है l रोहिणी की बातों को सुनकर मिठाई वाले ने कहा कि इस काम से उसे असीम सुख मिलता है l रोहिणी में कारण पूछा तो उसने कहा कि वह अपने नगर का सम्मानित व्यक्ति था और उसके पास सब कुछ था l किसी भी चीज की कमी नहीं थी l लेकिन ईश्वर ने असमय ही उसके बच्चों तथा पत्नी को अपने पास बुला लिया l

लेखक का कहने का तात्पर्य है कि मिठाईवाला अपने बच्चों की खुशी दूसरे बच्चों में देखता था l वह गली मोहल्ले के बच्चों के बीच रहकर उसे महसूस होता कि वह अपने बच्चों के मध्य रह रहा है l

V. निम्नलिखित कथन को किसने किससे और कब कहा-

1.“औल देखो, मेला कैछा छुन्दल ऐ?”

उत्तर: यह कथन मुन्नू ने चिन्नू से कहा l मुन्नू ने यह उस समय कहा जब चुन्नू ने कहा कि “मेला घोला कैछा छुन्दल ऐ?” l

2. “तो वही होगा. पर भई, है वह एक उस्ताद.”

उत्तर: यह कथन नगर के किसी व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति से उस समय कहा जब एक ने दूसरे से पूछा कि कहीं यह मुरली वाला वही तो नहीं जो पहले खिलौने बेचा करता था l

3. “जरा रुको, ठहरो, एक-एक को देने दो. अभी इतनी जल्दी हम कहीं लौट थोड़े ही जाएंगे”

उत्तर: यह कथन मुरली वाला ने बच्चों से उस समय कहा जब बच्चे खिलौने पहले लेने के लिए खिलौने वाले को परेशान कर रहे थे l

IV. मिठाई वाला बच्चों के लिए ही चीज लेकर क्यों आता था? सही उत्तर के सामने l

उत्तर: (घ) वह बच्चों से मिलकर अपनी ममता की पूर्ति करना चाहता था l

V. निम्नलिखित शब्दों को चुनकर खाली स्थानो को भरिए-

1.बच्चों को बहलानेवाला खिलौनेवाला l (मुरलीवाला / खिलौनेवाला)

2. बच्चे खिलौने देखकर पुलकित हो उठे l (खिल उठे / पुलकित)

3. मुरली वाला एकदम अप्रतिभ हो उठा l (अस्थिर / अप्रतिभ)

4. दो मुरलिया लेकर विजय बाबू फिर मकान के भीतर जा पहुंचे l (महल / मकान)


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2 thoughts on “मिठाई वाला – भगवती प्रसाद वाजपेयी”

  1. Please make an explanation of every chapter so that we can learn. Because in some school the institution does not offer Hindi Class. So it would be my earnest request ??
    Hope u take an action….

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