Get notes, summary, questions and answers, MCQs, extras, and PDFs of Chapter 2 “अकेली (Akeli)” which is part of Nagaland Board (NBSE) Class 10 Alternative Hindi answers. However, the notes should only be treated as references and changes should be made according to the needs of the students.
सारांश (Summary)
“अकेली” (Akeli) कहानी मन्नू भण्डारी (Mannu Bhandari) द्वारा लिखी गई है। यह कहानी एक वृद्ध महिला सोमा बुआ के एकाकी जीवन पर आधारित है। उनके इकलौते पुत्र की मृत्यु हो चुकी है और पति भी उन्हें छोड़कर सन्यास ले चुके हैं, जिससे वे पूरी तरह अकेली हो गई हैं। पति साल में एक बार एक महीने के लिए आते हैं, लेकिन उनके आने से भी सोमा बुआ को कोई खुशी नहीं मिलती। पति का स्नेहहीन व्यवहार सोमा बुआ को और अधिक अकेला कर देता है। अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए सोमा बुआ पड़ोस के कामों में दिलचस्पी लेती हैं और हर अवसर पर मदद करने की कोशिश करती हैं, जिससे उन्हें अपने अकेलेपन से थोड़ी राहत मिलती है।
कहानी की शुरुआत में सोमा बुआ अपने पति से कहासुनी के बाद बड़बड़ा रही हैं। उनके मन की बात यह है कि उनके पति को उनका दूसरों के घर काम करने जाना अच्छा नहीं लगता। लेकिन सोमा बुआ के लिए यह काम उनके अकेलेपन को दूर करने का एक साधन बन गया है। सोमा बुआ का मुख्य दुःख तब सामने आता है जब उनका समधी उन्हें एक शादी में आमंत्रित नहीं करता, जबकि सोमा बुआ को पूरा विश्वास था कि उन्हें बुलाया जाएगा। इस बात ने सोमा बुआ के मन को गहरा आघात पहुँचाया, और वे खुद को ठगा हुआ महसूस करती हैं।
कहानी में एक महत्वपूर्ण प्रसंग तब आता है जब सोमा बुआ अपने समधी की शादी के लिए तैयारियाँ करती हैं। वे अपने बेटे की आखिरी निशानी, एक अंगूठी, तक बेचने को तैयार हो जाती हैं ताकि समधी के यहाँ जाने के लिए उचित उपहार खरीद सकें। यह प्रसंग सोमा बुआ के मनोभावों और उनके अकेलेपन की गहराई को दर्शाता है। उनके लिए यह शादी केवल एक सामाजिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि अपनी खोई हुई पहचान को फिर से पाने का अवसर था।
कहानी के अंत में सोमा बुआ को बुलावा नहीं आता। इस अस्वीकार्यता और उपेक्षा से वे पूरी तरह टूट जाती हैं। उन्होंने अपनी साड़ी, उपहार और अन्य चीजें बड़े जतन से तैयार की थीं, लेकिन बुलावा न आने के कारण वे अपने सारे सामान को सन्दूक में रख देती हैं और चुपचाप अपने अकेलेपन में लौट जाती हैं। इस तरह, सोमा बुआ का जीवन एकाकीपन और सामाजिक उपेक्षा से भरा हुआ है, और उनका संघर्ष अपने अस्तित्व और पहचान को बनाए रखने का है।
इस कहानी में अकेलेपन का रूपक बहुत सशक्त है। सोमा बुआ का हर छोटी-बड़ी चीजों से जुड़ाव उनके मन के खालीपन को भरने का प्रयास है, लेकिन अंत में वे फिर से उसी खालीपन में लौट आती हैं। कहानी का यह रूपक समाज में उन लोगों की ओर इंगित करता है जो अकेलेपन और उपेक्षा का सामना करते हैं, लेकिन उनके पास समाज से जुड़ने के सीमित साधन होते हैं।
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पाठ्य प्रश्न और उत्तर (textual questions and answers)
प्रश्न और अभ्यास
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये
1. वर्ष में केवल एक महीने के लिए पति के घर आने पर सोमा बुआ का जीवन और भी अधिक दूभर क्यों हो जाता था?
उत्तर: जब पति घर आते थे, तो उनके स्नेहहीन व्यवहार के कारण सोमा बुआ का मन और भी मुर्झा जाता था। पति की उपस्थिति में उनका घूमना-फिरना, मिलना-जुलना बन्द हो जाता था। उनके रोजमर्रा के जीवन की स्वच्छन्द धारा पर अंकुश लग जाता था, जिससे वह और अधिक अकेलापन महसूस करती थीं।
2. किस ललक ने सोमा बुआ को अपने मृत पुत्र की एकमात्र निशानी बेचने को विवश कर दिया?
उत्तर: समधी के यहाँ होने वाले विवाह में सम्मिलित होने और वहाँ कुछ भेंट देने की ललक ने सोमा बुआ को अपने मृत पुत्र की एकमात्र निशानी, अँगूठी, बेचने को विवश कर दिया।
3. सोमा बुआ हाथों की लाल चूड़ियों को साड़ी के आँचल में छुपाने का प्रयत्न क्यों कर रही थीं?
उत्तर: सोमा बुआ अपने हाथ की भद्दी, मटमैली चूड़ियों को देखकर शर्मिन्दा थीं। उन्होंने नयी लाल-हरी चूड़ियाँ खरीदीं, परन्तु अपनी गरीबी के कारण उन्हें पूरे दिन साड़ी के आँचल से ढके ढके रखती रहीं, ताकि कोई उन्हें देख न ले।
4. समधी के यहाँ विवाह में भाग लेने के लिए सोमा बुआ ने क्या-क्या तैयारियाँ कीं?
उत्तर: सोमा बुआ ने विवाह में भाग लेने के लिए एक साड़ी रँगी, चाँदी की सिन्दूरदानी खरीदी, एक नयी थाली निकाली, क्रोशिये का मेजपोश सजाया, और थोड़े बताशे और नारियल को सजाकर विवाह के लिए तैयार किया।
5. समधी की ओर से निमन्त्रण न मिलने पर बुआ के मन पर क्या गुजरी, कल्पना करके लिखिये।
उत्तर: समधी की ओर से निमन्त्रण न मिलने पर सोमा बुआ का मन बहुत दुखी हुआ। उन्होंने पूरे उत्साह से विवाह की तैयारी की थी, परन्तु जब बुलावा नहीं आया, तो वह निराश हो गयीं। धीरे-धीरे उन्हें यह अहसास हुआ कि उन्हें बुलाया ही नहीं गया। यह सोचकर उनके दिल को ठेस पहुँची, और वह उदास होकर अँगीठी जलाने लगीं, और उनके मन में निराशा छा गयी।
निम्नलिखित वाक्यांशों की सन्दर्भ सहित सप्रसंग व्याख्या कीजिये
1. “पिछले बीस वर्षों से उनके जीवन की इस एकरसता में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं हुआ।”
उत्तर: सन्दर्भ: यह वाक्यांश मन्नू भंडारी द्वारा लिखित कहानी “अकेली” से लिया गया है।
प्रसंग: इस वाक्य में लेखक ने सोमा बुआ के जीवन की एकरसता को व्यक्त किया है। पति और बेटे के बिछड़ने के बाद वह नितांत अकेली हो गई हैं।
व्याख्या: इस वाक्य में सोमा बुआ के जीवन में बीते 20 वर्षों के दौरान किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं आया है। उनके जीवन में कोई विशेष गतिविधि नहीं रही और वे अकेलेपन के साथ संघर्ष करती रही हैं। उनका जीवन बिना किसी घटनाक्रम के शांत और उदास बना हुआ है। लेखक ने यहां सोमा बुआ के जीवन के ठहराव को दर्शाया है, जहां न कोई रिश्तेदारी बची और न ही कोई खुशी, बस अकेलापन और निर्जीवता।
2. “मैं तो इनसे कहती हूँ कि जब पल्ला पकड़ा है, तो अन्त समय में भी साथ ही रखो सो तो इनसे होता ही नहीं है।”
उत्तर: सन्दर्भ: यह वाक्यांश मन्नू भंडारी द्वारा लिखित कहानी “अकेली” से लिया गया है।
प्रसंग: इस वाक्य में सोमा बुआ अपने पति से अपने जीवन के अकेलेपन और उनकी उपेक्षा के बारे में बात कर रही हैं।
व्याख्या: सोमा बुआ अपने पति से शिकायत कर रही हैं कि जब विवाह के समय उनका पल्ला पकड़ा था, तब से अब तक उन्हें साथ निभाने की अपेक्षा थी। लेकिन उनके पति ने उन्हें जीवन भर अकेला छोड़ दिया। यहां सोमा बुआ पति के साथ की कमी और उनकी जिम्मेदारियों से भागने का दर्द व्यक्त कर रही हैं। यह वाक्य उनके जीवन में पति के अभाव और अकेलेपन की पीड़ा को दर्शाता है।
3. “मुझे क्या बावली ही समझ रखा है, जो बिना बुलाये चली जाऊँगी।”
उत्तर: सन्दर्भ: यह वाक्यांश मन्नू भंडारी द्वारा लिखित कहानी “अकेली” से लिया गया है।
प्रसंग: सोमा बुआ को समधी के घर होने वाले विवाह समारोह में बुलावे का इंतजार था, और जब बुलावा नहीं आया, तो उन्होंने यह बात कही।
व्याख्या: सोमा बुआ यह वाक्य तब कहती हैं जब उन्हें यकीन था कि उन्हें विवाह में बुलावा आएगा। वे यह बताना चाहती हैं कि वे इतनी मूर्ख नहीं हैं कि बिना निमंत्रण के किसी समारोह में चली जाएं। इस वाक्य में उनका स्वाभिमान और दर्द दोनों झलकते हैं, क्योंकि वह अपने पुराने रिश्तों के टूटने का सामना कर रही हैं। लेखक ने सोमा बुआ की स्थिति और उनके आहत मनोभाव को इस वाक्य के माध्यम से स्पष्ट किया है।
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिये
सदमा
उत्तर: गहरे दुःख या चोट को सदमा कहते हैं।
वाक्य: पिता की मृत्यु का समाचार सुनकर उसे गहरा सदमा लगा।
एकरसता
उत्तर: लगातार एक जैसे कार्यों या घटनाओं की पुनरावृत्ति को एकरसता कहते हैं।
वाक्य: उसके जीवन में पिछले कई वर्षों से केवल एकरसता ही थी।
अंकुश
उत्तर: नियंत्रण या रोक को अंकुश कहते हैं।
वाक्य: सरकार ने महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए।
सरककर
उत्तर: धीरे-धीरे खिसकते हुए या स्थानांतरित होकर।
वाक्य: वह कुर्सी से सरककर नीचे गिर पड़ा।
आक्रोश
उत्तर: गुस्सा या क्रोध।
वाक्य: अपने बेटे के साथ हुए अन्याय पर वह आक्रोश व्यक्त करने लगा।
पुलकित
उत्तर: बहुत प्रसन्न या उत्साहित होना।
वाक्य: पुरस्कार की घोषणा सुनकर वह पुलकित हो उठा।
पास-पड़ोस के काम-काज में बुआ बड़े उत्साह से क्यों भाग लेती थी ?
सही उत्तर के आगे (✓) का निशान लगाइये –
(क) उन्हें इन कामों में बड़ा मज़ा आता था।
(ख) इससे उनकी उदासी और अकेलापन दूर हो जाता था।
(ग) लोगों से उन्हें प्रशंसा मिलती थी।
(घ) नाते-रिश्तेदार का निर्वाह हो जाता था ।
उत्तर: (ख) इससे उनकी उदासी और अकेलापन दूर हो जाता था।
पाठ के आधार पर खाली स्थानों को भरिये
(क) आजकल सोमा बुआ ………… आये हुए हैं।
उत्तर: आजकल सोमा बुआ के पति आये हुए हैं।
(ख) सोमा बुआ के परिवार में कोई ऐसा सदस्य नहीं था जो उनके ………… को दूर करता।
उत्तर: सोमा बुआ के परिवार में कोई ऐसा सदस्य नहीं था जो उनके एकाकीपन को दूर करता।
(ग) बेचारे इतने ……….. में बुलाना भूल गये तो मैं भी मान करके बैठ जाती।
उत्तर: बेचारे इतने हंगामे में बुलाना भूल गये तो मैं भी मान करके बैठ जाती।
(घ) कोई ……….. भर बाद बुआ बड़ी प्रसन्न मन से आयीं।
उत्तर: कोई सप्ताह भर बाद बुआ बड़ी प्रसन्न मन से आयीं।
(ङ) दूसरे दिन ……….. बजते-बजते खाने का काम समाप्त कर डाला।
उत्तर: दूसरे दिन नौ बजते-बजते खाने का काम समाप्त कर डाला।
अभ्यास प्रश्न
1. समास किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।
उत्तर: समास दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से बनने वाला नया शब्द है, जिसमें शब्दों के बीच के विभक्तियों को हटा दिया जाता है। इसे समास कहा जाता है। उदाहरण:
राजा का पुत्र = राजपुत्र
नीली गाय = नीलगाय
2. समास के नाम बताइये और उदाहरण दीजिये।
उत्तर: समास के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
- द्वन्द्व समास: इसमें दोनों शब्दों का समान महत्व होता है। उदाहरण: रात-दिन (रात और दिन)
- द्विगु समास: इसमें पहला शब्द संख्या को दर्शाता है। उदाहरण: चौराहा (चार राहें)
- तत्पुरुष समास: इसमें पहला शब्द प्रधान होता है और दूसरा शब्द उसका अर्थ स्पष्ट करता है। उदाहरण: राजपुत्र (राजा का पुत्र)
- कर्मधारय समास: इसमें दोनों शब्द एक ही वस्तु के गुण को दर्शाते हैं। उदाहरण: नीलगाय (नीली गाय)
- बहुब्रीहि समास: इसमें दोनों शब्द मिलकर किसी तीसरे का बोध कराते हैं। उदाहरण: दशानन (जिसके दस मुख हों)
- अव्ययीभाव समास: इसमें पहला शब्द अव्यय होता है। उदाहरण: यथासमय (समय के अनुसार)
3. नीचे दिये गये मुहावरों के युग्म एक-दूसरे के विपरीत अर्थवाले हैं। इनका अर्थ समझिये और सही सन्दर्भ में वाक्यों में इनका प्रयोग कीजिये।
उत्तर:
- आँखें खुलना: सचेत होना या सही स्थिति का पता चलना
उदाहरण: सच सामने आते ही उसकी आँखें खुल गईं। - नाक कटना: अपमानित होना
उदाहरण: गलत काम करने से उसकी नाक कट गई। - अकल पर पर्दा पड़ना: सही निर्णय न ले पाना
उदाहरण: अचानक हुई घटना से उसकी अकल पर पर्दा पड़ गया। - चेहरा मुर्झाना: उदास या चिंतित होना
उदाहरण: परिणाम सुनते ही उसका चेहरा मुर्झा गया। - नाक रखना: सम्मान बचाना
उदाहरण: उसने अपने अच्छे व्यवहार से नाक रख ली। - बात बन जाना: स्थिति का सही ढंग से हल होना
उदाहरण: तुम्हारे सहयोग से बात बन गई। - चेहरा खिलना: प्रसन्नता का भाव प्रकट होना
उदाहरण: जीत की खबर सुनकर उसका चेहरा खिल उठा। - बात बिगड़ जाना: समस्या या झगड़ा उत्पन्न होना
उदाहरण: उनके बीच थोड़ी सी बात पर बात बिगड़ गई।
4. निम्नलिखित शब्दों का समास विग्रह कीजिये।
नवरत्न, नीलाकाश, परमेश्वर, दाल-रोटी, चौराहा, अमृतधारा, तुलसीकृत, जन्मान्ध, जीवन्मुक्त, रसोईघर
उत्तर:
- नवरत्न = नौ रत्न
- नीलाकाश = नीला आकाश
- परमेश्वर = परम ईश्वर
- दाल-रोटी = दाल और रोटी
- चौराहा = चार राहें
- अमृतधारा = अमृत की धारा
- तुलसीकृत = तुलसी द्वारा किया हुआ
- जन्मान्ध = जन्म से अंधा
- जीवन्मुक्त = जीवन में मुक्त
- रसोईघर = रसोई का घर
5. निम्नलिखित का समासबद्ध कीजिये।
शक्ति के अनुसार, अल्प है बुद्धि जिसकी, पथ से भ्रष्ट, तीन वेणियों का समूह, राह के लिए खर्च।
उत्तर:
- शक्ति के अनुसार = यथाशक्ति
- अल्प है बुद्धि जिसकी = अल्पबुद्धि
- पथ से भ्रष्ट = भ्रष्टपथ
- तीन वेणियों का समूह = त्रिवेणी
- राह के लिए खर्च = पथव्यय
6. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध कीजिये।
(क) तेरे को पिता जी ने तुरन्त बुलाया है।
(ख) हमारे से कोई काम नहीं हो सकता।
(ग) यह बात राम को पूछो।
(घ) उनके माता जी दिल्ली में रहते हैं।
(ङ) वह रोता-रोता हँसने लगा।
(च) तुम तुम्हारे घर चले जाओ।
(छ) यहाँ नहीं लिखो।
(ज) गाँधी जी पक्के ईश्वर के भक्त थे।
(झ) उसने बम्बई जाना है।
(ञ) यह योजना दस आदमी के लिए है।
उत्तर: (क) तुझे पिता जी ने तुरन्त बुलाया है।
(ख) हमसे कोई काम नहीं हो सकता।
(ग) यह बात राम से पूछो।
(घ) उनकी माता जी दिल्ली में रहती हैं।
(ङ) वह रोते-रोते हँसने लगा।
(च) तुम अपने घर चले जाओ।
(छ) यहाँ मत लिखो।
(ज) गाँधी जी पक्के ईश्वर भक्त थे।
(झ) उसे बम्बई जाना है।
(ञ) यह योजना दस आदमियों के लिए है।
अतिरिक्त (extras)
प्रश्न और उत्तर (questions and answers)
1. ‘अकेली’ कहानी की नायिका कौन है और उसकी स्थिति क्या है?
उत्तर: ‘अकेली’ एक मनोवैज्ञानिक कहानी है जिसकी नायिका सोमा बुआ है। उसके एकमात्र पुत्र का निधन हो जाता है, जिससे वह नितान्त अकेली हो जाती है। पति को पुत्र-वियोग का ऐसा सदमा लगता है कि वे पत्नी और घर-बार तजकर तीर्थवासी हो जाते हैं। परिवार में कोई ऐसा सदस्य नहीं है जो उनके एकाकीपन को दूर कर सके। पिछले बीस वर्षों से उनके जीवन की इस एकरसता में कोई परिवर्तन नहीं आया है। सोमा बुआ अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए पास-पड़ोस के काम-काज में सक्रिय होकर समय बिताने का प्रयास करती है।
12. कहानी के अंत में सोमा बुआ की मानसिक अवस्था कैसी थी?
उत्तर: कहानी के अंत में सोमा बुआ की मानसिक अवस्था अत्यंत दुखी और निराशाजनक थी। जब उन्हें समझ आया कि समधियों का बुलावा नहीं आएगा, तो उनकी सारी उम्मीदें टूट गईं। उन्होंने धीरे-धीरे सारी तैयारियाँ समेट लीं, साड़ी तह करके रख दी, चूड़ियाँ उतार दीं और उपहारों को सन्दूक में बंद कर दिया। उनका मन बुझ गया था, और वे अँगीठी जलाने लगीं। यह दृश्य उनके टूटे हुए दिल और अकेलेपन को दर्शाता है, जहाँ सारी खुशियाँ और उम्मीदें धूमिल हो जाती हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
1. सोमा बुआ का बेटा कब गुजर गया?
(क) एक साल पहले
(ख) पाँच साल पहले
(ग) पच्चीस साल पहले
(घ) बीस साल पहले
उत्तर: (घ) बीस साल पहले
15. विवाह में बुलावा न आने पर सोमा बुआ किस समय तक इंतजार करती रहीं?
(क) तीन बजे तक
(ख) पाँच बजे तक
(ग) सात बजे तक
(घ) चार बजे तक
उत्तर: (ग) सात बजे तक
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