Get notes, summary, questions and answers, MCQs, extras, and PDFs of Chapter 1 “मिठाईवाला (Mithaiwala)” which is part of Nagaland Board (NBSE) Class 10 Hindi answers. However, the notes should only be treated as references and changes should be made according to the needs of the students.
सारांश (Summary)
कहानी “मिठाईवाला” (Mithaiwala) के लेखक भगवती प्रसाद वाजपेयी (Bhagwati Prasad Vajpeyi) ने एक वृद्ध व्यक्ति की भावनात्मक यात्रा का वर्णन किया है, जो अपने बच्चों को खोने के बाद उनके स्नेह को अन्य बच्चों में ढूंढता है। कहानी में, यह व्यक्ति पहले खिलौने बेचता है, फिर मुरली और अंत में मिठाई। इन चीजों को बेचते हुए वह बच्चों की खुशी में अपने खोए हुए बच्चों की छवि देखता है।
कहानी का आरंभ खिलौनेवाले से होता है, जो गलियों में मधुर आवाज़ में “बच्चों को बहलानेवाला, खिलौनेवाला” गाते हुए बच्चों को लुभाता है। बच्चे उसकी ओर आकर्षित होते हैं और उससे खिलौने खरीदते हैं। उस आवाज़ में ऐसा जादू होता है कि गली के घरों में हलचल मच जाती है और बच्चे उत्साह से खिलौने खरीदने दौड़ पड़ते हैं। इसी प्रकार, वह एक समय मुरली बेचता है और फिर मिठाई भी।
कहानी में राय विजय बहादुर के बच्चे चुन्नू-मुन्नू भी खिलौनेवाले और मुरलीवाले से प्रभावित होते हैं और उनसे चीजें खरीदते हैं। उनकी मां रोहिणी को भी इस बेचनेवाले की आवाज़ और उसका स्नेहपूर्ण व्यवहार आकर्षित करता है।
मिठाईवाले की भावनाओं का चित्रण बहुत मार्मिक है। वह एक समय धनी और प्रतिष्ठित व्यक्ति था, लेकिन जीवन की कठिनाइयों ने उसे ऐसा बना दिया कि वह अपनी संपत्ति खो बैठा। अब वह बच्चों के लिए खिलौने और मिठाइयाँ बेचकर अपने बच्चों की यादों को ताजा करता है। उसकी यह यात्रा सिर्फ पैसे कमाने के लिए नहीं, बल्कि अपने बच्चों को खोने के दुःख से उबरने का एक तरीका है। जब वह बच्चों को हंसते-खेलते देखता है, तो उसे संतोष मिलता है। यह उसके जीवन का असली सुख है।
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पाठ्य प्रश्न और उत्तर (textual questions and answers)
प्रश्न और अभ्यास
नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिये
1. खिलौनेवाले की मधुर आवाज़ का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता था ?
उत्तर: खिलौनेवाले की मधुर आवाज़ सुनकर निकट के मकानों में हलचल मच जाती थी। छोटे-छोटे बच्चों को अपनी गोद में लिये स्त्रियाँ चिकों को उठाकर छज्जों पर से नीचे झाँकने लगतीं। गलियों तथा उनके अन्तर्व्यापी छोटे-छोटे उद्यानों में खेलते और इठलाते हुए बच्चों का झुण्ड उसे घेर लेता और खिलौनेवाला खिलौने की पेटी खोल देता।
2. नगर-भर में मुरलीवाले के आने का समाचार क्यों फैल गया ?
उत्तर: नगर-भर में मुरलीवाले के आने का समाचार इसलिए फैल गया क्योंकि मुरलीवाला मुरली बजाने में एक ही उस्ताद था। वह मुरली बजाकर, गाना सुनाकर मुरली बेचता था और वह भी दो-दो पैसे में। लोग आश्चर्य करते थे कि इतने कम पैसों में मुरली बेचने में उसे क्या मिलता होगा?
3. रोहिणी को मिठाईवाले का स्वर सुनकर खिलौनेवाले और मुरलीवाले का स्मरण क्यों हो आया ?
उत्तर: रोहिणी को मिठाईवाले का स्वर सुनकर खिलौनेवाले और मुरलीवाले का स्मरण इसलिए हो आया क्योंकि मिठाईवाला भी उसी प्रकार गाकर मिठाई बेचता था, जैसे पहले खिलौनेवाला और मुरलीवाला गाकर खिलौने और मुरलियाँ बेचते थे।
4. मिठाईवाले ने अपनी मिठाइयों की क्या-क्या विशेषताएँ बतायीं ?
उत्तर: मिठाईवाले ने अपनी मिठाइयों की विशेषताएँ बतायीं कि ये मिठाइयाँ रंग-बिरंगी, कुछ-कुछ खट्टी, कुछ-कुछ मीठी, जायकेदार थीं। ये मिठाइयाँ बड़ी देर तक मुँह में टिकती थीं और जल्दी नहीं घुलती थीं। इन गुणों के सिवा ये मिठाइयाँ खाँसी भी दूर करती थीं।
5. मिठाईवाले को अपने व्यवसाय में पैसे के अलावा और क्या-क्या मिलता था ?
उत्तर: मिठाईवाले को अपने व्यवसाय में पैसे के अलावा सन्तोष, धीरज और असीम सुख मिलता था। उसे अपने उन खोए हुए बच्चों की झलक-सी मिल जाती थी, जैसे वे इन्हीं बच्चों में उछल-उछलकर हँस-खेल रहे हों।
6. रोहिणी को हर समय मिठाईवाले के सम्बन्ध में जानने की उत्सुकता क्यों थी ?
उत्तर: रोहिणी को हर समय मिठाईवाले के सम्बन्ध में जानने की उत्सुकता इसलिए थी क्योंकि मिठाईवाले का स्वर सुनकर उसे खिलौनेवाले और मुरलीवाले की याद आ जाती थी, और वह यह जानना चाहती थी कि क्या यह मिठाईवाला वही है जो पहले खिलौने और मुरलियाँ बेचता था।
7. फेरीवाले को गली के बच्चों पर ममता क्यों थी ?
उत्तर: फेरीवाले को गली के बच्चों पर ममता इसलिए थी क्योंकि उसने असमय ही अपने बच्चों को खो दिया था। वह अपने बच्चों की झलक अन्य बच्चों में देखकर उनकी खुशी में अपने बच्चों की खुशी महसूस करता था और वात्सल्य की इस अनुभूति में उसे सन्तोष प्राप्त होता था।
नीचे लिखे वाक्यांशों का सन्दर्भ, प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए
1. बच्चे खिलौने देखकर पुलकित हो उठते। वे पैसे लाकर खिलौने के मोल-भाव करने लगते। पूछते, “इसका दाम क्या है? और इछका, औल इछका।”
उत्तर: सन्दर्भ: यह वाक्यांश ‘मिठाईवाला’ कहानी से लिया गया है।
प्रसंग: इस वाक्य में खिलौने बेचने वाले का बच्चों पर प्रभाव दिखाया गया है। खिलौनेवाला बच्चों को अपनी मधुर आवाज से आकर्षित करता है और बच्चे उसके खिलौनों को देखकर प्रसन्न होते हैं। वह उनकी खुशी में अपने खोए हुए बच्चों की खुशी की झलक देखता है।
व्याख्या: इस वाक्य में लेखक ने बच्चों के खिलौने देखकर प्रसन्न होने और उनकी सहज उत्सुकता को प्रस्तुत किया है। बच्चे खिलौने देखकर इतने खुश हो जाते हैं कि वे तुरंत उनसे खेलने के लिए उत्सुक होते हैं। वे छोटे-छोटे पैसे लाकर खिलौनों का मोल-भाव करने लगते हैं और अपनी बाल-सुलभ भाषा में उसकी कीमत पूछते हैं। यह दृश्य लेखक के द्वारा बच्चों के मासूम और खिलंदड़ स्वभाव का सुंदर चित्रण है, जो उनके हृदय की सरलता और सहजता को दर्शाता है।
2. “भाई वाह! मुरली बजाने में वह एक ही उस्ताद है, मुरली बजाकर, गाना सुनाकर, वह मुरली बेचता भी है। सो भी दो-दो पैसे। भला, इसमें उसे क्या मिलता होगा? मेहनत भी तो न आती होगी।”
उत्तर: सन्दर्भ: यह वाक्यांश ‘मिठाईवाला’ कहानी से लिया गया है।
प्रसंग: इस वाक्य में नगर में मुरलीवाले के आगमन का उल्लेख किया गया है। नगर के लोग उसकी मुरली बजाने की कला और उसकी मधुर आवाज की प्रशंसा कर रहे हैं। वह मुरली बजाकर और गाना सुनाकर मुरलियाँ बेचता है, और लोग उसकी कला के दीवाने हो जाते हैं।
व्याख्या: इस वाक्य में लेखक ने मुरलीवाले की कला और उसके व्यापार के प्रति लोगों की सोच को उजागर किया है। मुरलीवाला अपनी मुरली बजाने की कला से सभी को मोहित कर लेता है, और लोग उसकी मुरली लेने के लिए उत्सुक हो जाते हैं। हालांकि लोग सोचते हैं कि इतनी मेहनत के बाद उसे केवल दो-दो पैसे मिलते हैं, जो उसकी मेहनत के सामने बहुत कम हैं। यहाँ लेखक ने समाज में एक मेहनतकश व्यक्ति की स्थिति का वर्णन किया है, जो अपनी कला के माध्यम से लोगों का दिल जीत लेता है।
3. मिठाईवाला हर्ष, संशय और विस्मयादि भावों में डूबकर बोला, “इससे पहले मुरली लेकर आया था और उससे पहले खिलौने लेकर।”
उत्तर: सन्दर्भ: यह वाक्यांश ‘मिठाईवाला’ कहानी से लिया गया है। इस कहानी के लेखक भगवती प्रसाद वाजपेयी हैं।
प्रसंग: इस वाक्य में मिठाईवाला अपनी पुरानी यादों में खोकर यह बता रहा है कि वह पहले मुरली और उससे पहले खिलौने बेचता था। यह बात वह रोहिणी से कहता है, जब वह उससे अपने व्यापार की बातों का जिक्र कर रहा होता है।
व्याख्या: इस वाक्य में मिठाईवाले की गहरी भावनाओं का चित्रण किया गया है। वह अपने बच्चों के खोने के बाद अपनी जिंदगी को किसी प्रकार से काट रहा है और अपने बच्चों की झलक अन्य बच्चों में देखता है। पहले वह खिलौने और फिर मुरलियाँ बेचता था, लेकिन अब वह मिठाई बेचता है। यह परिवर्तन उसके जीवन की संघर्षमय स्थिति को दर्शाता है, जहाँ वह अपने बच्चों की यादों के सहारे जी रहा है। यहाँ लेखक ने एक व्यक्ति के दर्द और उसकी मजबूरी को बड़े ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया है।
4. “अब व्यर्थ उन बातों की चर्चा क्यों करूँ? उन्हें आप जाने ही दें। उन बातों को सुनकर आपको दुःख ही होगा।”
उत्तर: सन्दर्भ: यह वाक्यांश ‘मिठाईवाला’ कहानी से लिया गया है। इस कहानी के लेखक भगवती प्रसाद वाजपेयी हैं।
प्रसंग: इस वाक्य में मिठाईवाला अपने अतीत की दुःखभरी बातों को रोहिणी के सामने बताने से मना कर देता है। वह कहता है कि उन बातों को सुनने से उसे दुःख होगा, इसलिए उन्हें जानने की जरूरत नहीं है।
व्याख्या: इस वाक्य में मिठाईवाले की गहरी वेदना और दुःख छिपा हुआ है। वह अपने अतीत को याद करते हुए यह महसूस करता है कि उसके जीवन की कहानी इतनी दर्दनाक है कि उसे सुनने से दूसरों को भी दुःख होगा। वह अपने जीवन की कठिनाइयों और अपने बच्चों की मृत्यु का जिक्र नहीं करना चाहता, क्योंकि वह नहीं चाहता कि कोई और उसके दुःख को महसूस करे। यहाँ लेखक ने व्यक्ति की मानसिक स्थिति और उसके दुःख की गहराई को व्यक्त किया है।
मिठाईवाला बच्चों के लिए ही चीजें लेकर क्यों आता था? सही उत्तर के सामने (✓) का निशान लगाइये।
(क) वह अधिक पैसा कमाना चाहता था।
(ख) वह लोगों को आकर्षित करना चाहता था।
(ग) वह लोगों में नाम कमाना चाहता था।
(घ) वह बच्चों से मिलकर अपनी ममता की पूर्ति करना चाहता था।
उत्तर: (✓) घ) वह बच्चों से मिलकर अपनी ममता की पूर्ति करना चाहता था।
निम्नलिखित कथन को किसने, किससे एवं कब कहा ?
1. औल देथो, मेला आती कैछा छुन्दल ऐ।
उत्तर: यह कथन मुन्नू ने रोहिणी से कहा जब वह और चुन्नू खिलौने लेकर घर आए थे।
2. तो वही होगा। पर भई, है वह एक उस्ताद ।
उत्तर: यह कथन एक व्यक्ति ने कहा जब नगर में मुरलीवाले के आने का समाचार फैल गया था और वह मुरलीवाले के बारे में पूछ रहा था।
3. ज़रा ठहरो, एक-एक को लेने दो। अभी इतनी जल्दी हम कहीं लौट थोड़े ही जायँगे।
उत्तर: यह कथन मुरलीवाले ने बच्चों से कहा जब बच्चे मुरली लेने के लिए दौड़कर उसके पास पहुंचे थे।
कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर खाली स्थानों को भरिये
1. बच्चों को बहलानेवाला …………… (मुरलीवाला/खिलौनेवाला)
उत्तर: मुरलीवाला
2. बच्चे खिलौने देखकर …………… हो उठे। (खिल उठे/पुलकित)
उत्तर: पुलकित
3. मुरलीवाला एकदम …………… हो उठा। (अस्थिर/अप्रतिभ)
उत्तर: अप्रतिभ
4. दो मुरलियाँ लेकर विजय बाबू फिर …………… के भीतर जा पहुँचे। (महल/मकान)
उत्तर: मकान
अभ्यास प्रश्न
1. सन्धिं किसे कहते हैं?
उत्तर: सन्धि दो वर्णों के मेल से जो विकार होता है, उसे सन्धि कहते हैं।
2. उदाहरण सहित सन्धि के भेद बताइये।
उत्तर: सन्धि के तीन भेद होते हैं:
- स्वर सन्धि – इस सन्धि में स्वर ध्वनि में परिवर्तन होता है। जैसे – विद्या + आलय = विद्यालय।
- व्यंजन सन्धि – इस सन्धि में व्यंजन ध्वनि में परिवर्तन होता है। जैसे – दिक् + अम्बर = दिगम्बर।
- विसर्ग सन्धि – इस सन्धि में विसर्ग में परिवर्तन होता है। जैसे – निः + धन = निर्धन।
3. निम्नलिखित शब्दों में सन्धि कीजिये-
उत्तर:
- मनः + हर = मनहर।
- भो + अन = भवान।
- आविः + अन = आव्यान।
- उत् + हार = उत्तर।
- निः + जल = निर्जल।
- वयः + वृद्ध = वयोवृद्ध।
4. सन्धि विच्छेद करें-
उत्तर:
- सदैव = सदा + एव।
- सन्तोष = सम् + तोष।
- नायक = नय + अक।
- स्वागत = सु + आगत।
- यशोदा = यशः + दा।
- पवन = प + वन।
- उल्लास = उद् + लास।
- पंचम = पञ्च + म।
5. कोष्ठक में दी गयी क्रियाओं के सही रूप से वाक्यों के खाली स्थान भरिये-
उत्तर:
- कृपया समय बताइये।
- कृपया आप शाम को हमारे घर आइये।
- कृपया अपनी पुस्तक वापस लाइये।
- कृपया मुझे माफ कर दीजिये।
- कृपया मेरे जीवन की रक्षा कीजिये।
गृहकार्य
(1) प्रवेश में अनियमितता के सम्बन्ध में कुलसचिव को शिकायती पत्र लिखिये।
सेवा में,
कुलसचिव,
[विद्यालय का नाम],
[पता]
दिनांक: [तारीख]
विषय: प्रवेश में अनियमितता के सम्बन्ध में शिकायती पत्र
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं [आपका नाम], [कक्षा/विभाग] का छात्र हूँ। मैं आपके महाविद्यालय/विश्वविद्यालय में [वर्ष/सत्र] के प्रवेश प्रक्रिया में शामिल हुआ था, परंतु प्रवेश प्रक्रिया में कुछ अनियमितताएँ देखने को मिली हैं, जिनके कारण मुझे और अन्य विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
प्रवेश के लिए निर्धारित तिथियों और प्रक्रियाओं में स्पष्टता की कमी थी, जिसके चलते समय पर दस्तावेज़ जमा करने और फीस भुगतान में समस्या हुई। इसके अलावा, ऑनलाइन पोर्टल पर तकनीकी खामियों के कारण आवेदन पत्र जमा करने में भी बाधाएँ उत्पन्न हुईं, जिससे कई योग्य छात्र समय पर आवेदन नहीं कर सके।
अतः आपसे निवेदन है कि कृपया इस विषय पर ध्यान देते हुए उचित कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में ऐसे समस्याओं का सामना न करना पड़े और विद्यार्थियों को सही तरीके से प्रवेश मिल सके।
आपकी अति कृपा होगी।
सधन्यवाद,
भवदीय,
[आपका नाम]
[रोल नंबर/पंजीकरण संख्या]
[कक्षा और विभाग]
[संपर्क विवरण]
(2) प्रदूषण पर २०० शब्दों का एक निबन्ध लिखिये ।
प्रदूषण
आज के आधुनिक युग में प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है। प्रदूषण से हमारा वातावरण, जल, वायु और भूमि प्रदूषित हो रही है, जो मानव जीवन के लिए हानिकारक सिद्ध हो रहा है। प्रदूषण के मुख्य कारणों में औद्योगिकीकरण, वाहनों से निकलने वाला धुआँ, रासायनिक कचरे का गलत निपटान और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई शामिल हैं।
वायु प्रदूषण वाहनों, उद्योगों और कारखानों से निकलने वाले धुएं से होता है, जिससे सांस से संबंधित बीमारियाँ बढ़ रही हैं। जल प्रदूषण का कारण कारखानों का रासायनिक कचरा और नदियों में कूड़ा-कचरा फेंकना है, जिससे पानी पीने योग्य नहीं रहता। भूमि प्रदूषण प्लास्टिक कचरे, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग के कारण हो रहा है, जो कृषि भूमि को भी बंजर बना रहा है।
प्रदूषण से प्राकृतिक संसाधनों का संतुलन बिगड़ रहा है और पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है, जिसे ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए, प्लास्टिक का उपयोग कम करना चाहिए और औद्योगिक कचरे का सही तरीके से निपटान करना चाहिए।
अगर समय रहते प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो आने वाली पीढ़ियों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। अतः, सभी को मिलकर प्रदूषण कम करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।
(3) निम्नलिखित शीर्षकों का पल्लवन कीजिये- ईर्ष्या, एकता में शक्ति
ईर्ष्या
ईर्ष्या एक नकारात्मक भावना है, जो व्यक्ति के मन में तब उत्पन्न होती है जब वह दूसरों की उपलब्धियों, सुख-सुविधाओं या संपत्ति को देखकर असंतुष्ट हो जाता है। ईर्ष्या का मुख्य कारण दूसरों की सफलता या समृद्धि के प्रति असहिष्णुता है। यह भावना मनुष्य को न केवल मानसिक रूप से अस्वस्थ बनाती है, बल्कि सामाजिक संबंधों को भी बिगाड़ती है। ईर्ष्या करने वाला व्यक्ति अपने विकास और सुख को नजरअंदाज करके दूसरों की खुशी को देखकर दुःखी होता रहता है। यह मनुष्य के आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को भी प्रभावित करती है। अतः, हमें ईर्ष्या से बचना चाहिए और दूसरों की सफलता से प्रेरणा लेनी चाहिए।
एकता में शक्ति
“एकता में शक्ति” एक प्रसिद्ध कहावत है, जिसका अर्थ है कि जब लोग एकजुट होकर कार्य करते हैं, तो वे बड़ी से बड़ी चुनौतियों को आसानी से पार कर सकते हैं। एकता का महत्व प्राचीन काल से ही सभी सभ्यताओं में प्रमुख रहा है। चाहे परिवार हो, समाज हो, या देश—एकता ही वह आधार है, जिस पर समृद्धि और शांति टिकी होती है। विभाजन और मतभेद से शक्ति कम होती है, जबकि एकता से लोगों में आत्मविश्वास और सहयोग की भावना उत्पन्न होती है। इतिहास में भी यह देखा गया है कि एकजुट समाज और राष्ट्र ही सफल हुए हैं। अतः, हमें एकता को सदैव बनाए रखना चाहिए, ताकि हम हर समस्या का मिलकर सामना कर सकें।
अतिरिक्त (extras)
प्रश्न और उत्तर (questions and answers)
1. मिठाईवाला गलियों में घूमते हुए क्या कहता था?
उत्तर: मिठाईवाला गलियों में बहुत ही मीठे स्वर में घूमता हुआ कहता था, “बच्चों को बहलानेवाला, खिलौनेवाला।” यह वाक्य वह एक विचित्र और मधुर ढंग से गाकर कहता था।
14. रोहिणी को मुरलीवाले और मिठाईवाले की कौन सी बातें याद आती रहती थीं?
उत्तर: रोहिणी को मुरलीवाले और मिठाईवाले की मीठी बातें और बच्चों के प्रति उनका प्यार बार-बार याद आता था। उसे लगता था कि ऐसा फेरीवाला पहले कभी नहीं आया, जो इतने प्यार से बच्चों से बातें करता हो और इतना सस्ता सौदा बेचता हो। उसे मिठाईवाले का मिठाई बेचते समय का उत्साह और बच्चों के प्रति उसका स्नेह अजीब सा लगता था। समय बीतने के बाद भी वह मुरलीवाले और मिठाईवाले के प्रति अपने मन में विशेष सम्मान और सहानुभूति रखती रही।
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
1. चुन्नू और मुन्नू ने खिलौने कितने पैसे में खरीदे थे?
(क) दो पैसे
(ख) तीन पैसे
(ग) चार पैसे
(घ) पांच पैसे
उत्तर: (क) दो पैसे
20. मिठाईवाले ने बच्चों को कितनी मिठाई दी थी?
(क) एक पुड़िया
(ख) दो पुड़िया
(ग) तीन पुड़िया
(घ) चार पुड़िया
उत्तर: (ख) दो पुड़िया
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