Vyakti ka Punarnirman: NBSE Class 9 Alternative Hindi (हिन्दी)

व्यक्ति का पुनर्निर्माण (Vyakti ka Punarnirman)
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Get notes, summary, questions and answers, MCQs, extras, and PDFs of Chapter 3 “व्यक्ति का पुनर्निर्माण (Vyakti ka Punarnirman)” which is part of Nagaland Board (NBSE) Class 9 Alternative Hindi answers. However, the notes should only be treated as references and changes should be made according to the needs of the students.

सारांश (Summary)

अध्याय “व्यक्ति का पुनर्निर्माण” (Vyakti ka Punarnirman) में लेखक ने समाज और व्यक्ति के परस्पर संबंध पर विचार प्रस्तुत किया है। लेखक का तर्क है कि समाज व्यक्तियों का समूह है, इसलिए व्यक्ति के सुधार से ही समाज का पुनर्निर्माण संभव है। इसके लिए व्यक्ति को अपने अवगुणों को छोड़कर सद्गुणों को अपनाना चाहिए।

बौद्ध धर्म में सम्यक् व्यायाम के चार अंगों का उल्लेख है: अवगुणों को आने से रोकना, उन्हें दूर करना, सद्गुणों को बनाए रखना और नए सद्गुणों को अपनाना। लेखक इसे बगीचे के उदाहरण से समझाते हैं; जैसे कि अगर बगीचे में सही पौधे न लगाए जाएं, तो उसमें स्वतः ही झाड़-झंखाड़ उग आते हैं। इसी प्रकार अवगुणों को रोके बिना सद्गुणों को विकसित नहीं किया जा सकता।

लेखक का मानना है कि अवगुणों को हटाने से अधिक महत्वपूर्ण है सद्गुणों का विकास करना। जैसे एक कमरे में स्वच्छ वायु लाने के लिए दरवाजे और खिड़कियाँ खोलना आवश्यक है, उसी तरह अवगुणों से दूर रहने का प्रयास करने के बजाय हमें सद्गुणों को अपनाने पर ध्यान देना चाहिए।

लेखक आत्म-विश्वास के महत्व को भी रेखांकित करते हैं। उदाहरण देते हुए वे बताते हैं कि जैसे कोई व्यक्ति जमीन पर रखे लकड़ी के तख्ते पर आसानी से चल सकता है, पर जब तख्ता ऊँचाई पर हो, तो वही काम कठिन लगता है। यह डर मानसिक अवरोध का प्रतीक है, जिसे अभ्यास और आत्म-विश्वास से दूर किया जा सकता है।

अंत में, लेखक सबके प्रति मैत्री, गुणियों के प्रति श्रद्धा, दुखियों पर दया और दुष्टों की उपेक्षा का आह्वान करते हैं। यही भावना समाज और व्यक्ति के पुनर्निर्माण में सहायक है।

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पाठ्य प्रश्न और उत्तर (textual questions and answers)

मौखिक प्रश्न

१. व्यक्ति किसकी उपज है ?

उत्तर: व्यक्ति समाज की उपज है।

२. किसके सुधार करने से समाज का सुधार हो सकता है ?

उत्तर: प्रत्येक व्यक्ति अपने सुधार की ओर ध्यान दे तो पूरे समाज का निर्माण हो सकता है।

३. चंचल प्रकृतिवाले व्यक्ति को कैसी भावना रखनी चाहिए ?

उत्तर: चंचल प्रकृतिवाले व्यक्ति को ‘गम्भीर स्वरूप’ की भावना रखनी चाहिए।

४. सभी धर्म-ग्रंथों में किस श्रेष्ठ भावना को स्थान दिया गया है ?

उत्तर: सभी धर्म-ग्रंथों में इस श्रेष्ठ भावना को स्थान दिया गया है – सभी के प्रति मैत्री, गुणियों के प्रति श्रद्धा, दुःखियों के प्रति दया, और दुष्टों के प्रति उपेक्षा।

५. अवगुणों को भगाने का सबसे अच्छा उपाय क्या है ?

उत्तर: अवगुणों को भगाने का सबसे अच्छा उपाय है सद्गुणों को अपनाना।

लिखित प्रश्न

१. प्रत्येक व्यक्ति के अपने सुधार से समाज का निर्माण आसान हो जाता है। कैसे?

उत्तर: यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने सुधार की ओर ध्यान दे तो पूरे समाज का निर्माण कितना आसान है।

२. शरीर को बलवान् बनाने के लिए भावना के साथ-साथ अन्य किन बातों पर ध्यान देना चाहिए?

उत्तर: शरीर को बलवान् बनाने के लिए भावना के साथ-साथ खाने-पीने के साधारण नियमों का खयाल रखना, स्वच्छ वायु में सोना, और व्यायाम करना भी आवश्यक है।

३. बौद्ध धर्म में सम्यक् व्यायाम के चार अंग कौन-कौन से हैं?

उत्तर: बौद्ध धर्म में सम्यक् व्यायाम के चार अंग कहे गए हैं –

  1. इस बात की सावधानी रखना कि अपने में कोई अवगुण न आ जाय।
  2. इस बात का प्रयत्न करना कि अपने अवगुण दूर हो जायँ।
  3. इस बात की सावधानी रखना कि अपने सद्गुण चले न जायँ।
  4. इस बात का प्रयत्न करना कि अपने में नये सद्गुण चले आयें।

४. बुरी आदत छोड़ने का दृढ़ संकल्प करने पर भी बार-बार असफलता क्यों मिलती है?

उत्तर: जब हम किसी बुरी आदत को छोड़ने का दृढ़ संकल्प करते हैं, तब भी हम उसी का चिन्तन करते रहते हैं। चोरी न करने का संकल्प भी चोरी के ही बारे में संकल्प है। जब हम अपने संकल्पों द्वारा अपने अवगुणों को बलवान बनाते हैं, तो हमारे अवगुण अपनी मौत आप नहीं मरते।

५. आशय स्पष्ट कीजिए –

(i) अवगुणों को दूर करना और सद्गुणों को अपनाना ये दोनों भी क्या अर्थ की दृष्टि से एक नहीं हैं?

उत्तर: इसका उत्तर ‘हाँ’ और ‘नहीं’ दोनों में ही देना होगा। उदाहरण के लिए, मी को व्यर्थ बक-बक करने की आदत है। यदि वह अपनी आदत छोड़ता है, तो वह अपने व्यर्थ बोलने के अवगुण को छोड़ता है और मितभाषी होने के सद्गुण को अपनाता है। इसी प्रकार, सिगरेट छोड़ने वाला व्यक्ति यदि दूध से प्रेम करना सीखता है तो सिगरेट छोड़ना एक अवगुण को छोड़ना है और दूध से प्रेम जोड़ना एक सद्गुण को अपनाना है।

(ii) यदि दूसरे कारण एकदम प्रतिकूल हों तो अकेली भावना क्या करेगी?

उत्तर: यदि अन्य कारण एकदम प्रतिकूल हों, तो अकेली भावना से कोई कार्य सिद्ध नहीं हो सकता। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति बलवान बनने की भावना रखता है, लेकिन खाने-पीने, स्वच्छ वायु, और व्यायाम की चिंता नहीं करता, तो अकेली भावना बलवान बनने में सहायक नहीं हो सकती।

६. पाठ के आधार पर खाली स्थानों को भरिए –

(क)  …………. को भगाने का सबसे अच्छा उपाय है …………. को अपनाना।

उत्तर: अवगुणों को भगाने का सबसे अच्छा उपाय है सद्गुणों को अपनाना।

(ख) इस बात का …………. करना कि अपने अवगुण दूर हो जायँ।

उत्तर: इस बात का प्रयत्न करना कि अपने अवगुण दूर हो जायँ।

(ग) …………. में ही आपकी प्रकृति बदल जायगी।

उत्तर: अचिरकाल में ही आपकी प्रकृति बदल जायगी।

(घ) …………. जानता हूँ …………. उससे नहीं।

उत्तर: धर्म जानता हूँ उसमें प्रवृत्ति नहीं।

(ङ)  …………. जानता हूँ …………. उससे नहीं।

उत्तर: अधर्म जानता हूँ उससे निवृत्ति नहीं।

७. निम्नलिखित वाक्यांशों की सन्दर्भ सहित व्याख्या कीजिये

१. किसी कमरे में गन्दी हवा और स्वच्छ वायु एक साथ रह ही नहीं सकती। कमरे में हवा रहे ही नहीं यह तो हो ही नहीं सकता। गन्दी हवा को निकालने का सबसे अच्छा उपाय एक ही है सभी दरवाजे और खिड़कियाँ खोलकर स्वच्छ वायु को अन्दर आने देना।

उत्तर: सन्दर्भ: यह वाक्यांश पाठ “व्यक्ति का पुनर्निर्माण” से लिया गया है। इसमें लेखक ने अवगुणों और सद्गुणों के सम्बन्ध को समझाते हुए एक प्रभावी उपाय प्रस्तुत किया है।

व्याख्या: इस वाक्यांश में लेखक ने गन्दी हवा और स्वच्छ वायु के उदाहरण के माध्यम से यह बताया है कि अवगुणों और सद्गुणों का एक साथ अस्तित्व संभव नहीं है। जिस प्रकार एक कमरे में स्वच्छ वायु के प्रवेश से गन्दी हवा स्वतः बाहर निकल जाती है, उसी प्रकार व्यक्ति में यदि सद्गुणों को अपनाया जाए तो अवगुण अपने आप दूर हो जाते हैं। लेखक के अनुसार, अवगुणों को दूर करने का सबसे सरल उपाय है कि व्यक्ति स्वयं में सद्गुणों का विकास करे।

२. हम यदि अपने संकल्प-विकल्पों द्वारा अपने अवगुणों को बलवान् न बनायें तो हमारे अवगुण अपनी मौत मर जायँगे।

उत्तर: सन्दर्भ: यह वाक्यांश भी पाठ “व्यक्ति का पुनर्निर्माण” से लिया गया है। लेखक यहाँ व्यक्ति की मानसिकता और संकल्प-शक्ति के प्रभाव को दर्शा रहे हैं।

व्याख्या: इस वाक्यांश में लेखक का अभिप्राय यह है कि यदि हम बार-बार अपने अवगुणों के बारे में सोचते हैं या उनसे दूर रहने का संकल्प करते हैं, तो वह अवगुण और भी अधिक प्रभावशाली बन जाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति बार-बार चोरी न करने का संकल्प लेता है, तो उसका ध्यान उसी पर केन्द्रित रहता है। लेखक का सुझाव है कि हमें अवगुणों से सम्बन्धित संकल्प छोड़कर सद्गुणों को अपनाने पर ध्यान देना चाहिए, जिससे अवगुण स्वतः समाप्त हो जाएं।

८. पाठ के आधार पर सही तथा गलत का चिह्न लगाइये

१. इस बात की सावधानी रखना कि अपने में कोई अवगुण आ जाय।

उत्तर: गलत

२. इस बात की सावधानी रखना कि अपने सद्गुण चले न जायँ।

उत्तर: सही

३. इस बात का प्रयत्न करना कि अपने अवगुण दूर हो जायँ।

उत्तर: सही

४. अवगुणों को भगाने का सबसे अच्छा उपाय है अवगुणों को अपनाना।

उत्तर: गलत

५. संसार में प्रत्येक कार्य अनेक कारणों से होता है।

उत्तर: सही

९. निम्नलिखित शब्दों एवं मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्य बनाइये

१. प्रवृत्ति

उत्तर: रुझान – हर व्यक्ति की अपनी प्रवृत्ति होती है, जो उसके कार्यों में दिखाई देती है।

२. रहस्य

उत्तर: गूढ़ बात – जीवन का सबसे बड़ा रहस्य समय की कद्र करना है।

३. प्रकृति

उत्तर: स्वभाव – पेड़ों की प्रकृति हमें शांति और सुकून का अनुभव कराती है।

४. सम्यक्

उत्तर: भली-भाँति – किसी भी कार्य को सम्यक् रूप से करना चाहिए ताकि अच्छे परिणाम मिलें।

५. उपेक्षा

उत्तर: अवहेलना – समाज में गरीबों की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए।

६. हिसाब चुकाना

उत्तर: कर्ज़ या उधार वापस करना – उसने समय पर अपने सारे हिसाब चुकाए।

७. हवा बदलना

उत्तर: माहौल बदलना – शहर में चुनाव के कारण हवा बदलने लगी है।

८. हवा हो जाना

उत्तर: गायब हो जाना – पुलिस आते ही चोर हवा हो गया।

९. हौसला पस्त कर देना

उत्तर: हिम्मत तोड़ देना – विरोधियों की बातें सुनकर उसका हौसला पस्त हो गया।

अभ्यास-प्रश्न

१. उदाहरण सहित विशेषण की परिभाषा लिखिये।

उत्तर: विशेषण संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बतानेवाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतायी जाती है उसे विशेष्य कहते हैं। जैसे – अच्छा लड़का, ऊँचा पहाड़। यहाँ अच्छा और ऊँचा विशेषण हैं, और लड़का और पहाड़ विशेष्य हैं।

२. नीचे लिखे वाक्यों में से विशेषण और उसका विशेष्य शब्द छाँटिये-

(क) कोहिमा एक पहाड़ी नगर है।

उत्तर: विशेषण – पहाड़ी; विशेष्य – नगर

(ख) ईमानदार व्यक्ति का हमेशा आदर होता है।

उत्तर: विशेषण – ईमानदार; विशेष्य – व्यक्ति

(ग) मेरा कुत्ता काला है।

उत्तर: विशेषण – काला; विशेष्य – कुत्ता

(घ) कौन विद्यार्थी अच्छा है।

उत्तर: विशेषण – अच्छा; विशेष्य – विद्यार्थी

(ङ) नागा बड़े साहसी होते हैं।

उत्तर: विशेषण – साहसी; विशेष्य – नागा

३. विशेषण के भेद लिखिये।

उत्तर:

  • गुणवाचक विशेषण – ये विशेषण संज्ञा के गुण, आकार, रंग, दशा, स्थान आदि के बारे में बताते हैं। जैसे – चतुर, लम्बा, काला, आधुनिक, पंजाबी।
  • परिमाणसूचक विशेषण – थोड़ा, बहुत, कुछ।
  • संख्यासूचक विशेषण – दस, दुगुना, कई, कुछ, थोड़ा।
  • सार्वनामिक विशेषण – वह छात्र, यह कमरा।

४. निम्नलिखित संज्ञा से विशेषण बनाइये –

उत्तर:

  • मधु – मधुर
  • मैल – मैला
  • रोज – रोज़ाना
  • समाज – सामाजिक
  • सुर – सुरम्य
  • संसार – सांसारिक
  • हवा – हवादार
  • सप्ताह – साप्ताहिक

५. निम्नलिखित विशेषण से संज्ञा बनाइये –

उत्तर:

  • मूर्ख – मूर्खता
  • भला – भलाई
  • लघु – लघुता
  • वीर – वीरता
  • चालाक – चालाकी
  • गरीब – गरीबी
  • दीन – दीनता
  • राष्ट्रीय – राष्ट्रीयता
  • सुन्दर – सुन्दरता
भाषा-अध्ययन

१. कोष्ठक से उचित शब्द चुनकर नीचे लिखे वाक्यों के खाली स्थान भरिये

१. तब फिर……………………क्या करें ? (मैं तुम हम)

उत्तर: तब फिर हम क्या करें ?

२. …..“सोचता हूँ। (वह मैं वे)

उत्तर: मैं सोचता हूँ।

३. …….’ईमानदार है वह स्वयं से झूठ नहीं बोलता । (वे जो तुम)

उत्तर: जो ईमानदार है वह स्वयं से झूठ नहीं बोलता।

४. ……… अपनी शिक्षा की जाँच ईमानदारी से करें। (वे मैं वह)

उत्तर: वे अपनी शिक्षा की जाँच ईमानदारी से करें।

५. …….बहुत होशियार हो गये हो। (मैं हम तुम)

उत्तर: तुम बहुत होशियार हो गये हो।

३. निम्नलिखित गद्यांश का सारांश एक तिहाई शब्दों में लिखिए.

समय एक अमूल्य वस्तु है। भूली हुई विद्या, गिरा हुआ स्वास्थ्य और खोया हुआ धन फिर से प्राप्त किया जा सकता है लेकिन बीता हुआ समय फिर वापस नहीं आता। अतः हमें चाहिए कि जीवन में एक-एक पल को महत्त्वपूर्ण ‘ मानकर उसका सदुपयोग करें। जीवन की सफलता समय का उचित उपयोग करने में ही है। जो समय की गति को पहचानते हैं और आये हुए अवसर को हाथ से नहीं जाने देते, वे ही जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। लेकिन जो अवसर पर कार्य नहीं करते वे बाद में पछताते रह जाते हैं। कल कभी नहीं आता इसलिए आज का काम कल पर कभी नहीं छोड़ना चाहिए। वास्तव में समय अमूल्य धन है अतः हमें सदा उसका उपयोग करना चाहिए।

उत्तर: समय अत्यंत मूल्यवान है, जो बीत जाने पर वापस नहीं आता। इसे समझकर प्रत्येक क्षण का सदुपयोग करना आवश्यक है। समय का सही उपयोग ही जीवन में सफलता दिलाता है, जबकि अवसर खोने वाले लोग बाद में पछताते हैं। इसलिए आज का काम कल पर नहीं टालना चाहिए; समय का सदुपयोग ही सच्चा धन है।

अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर (extra questions and answers)

१. पुनर्निर्माण की चर्चा किसके लिए हो रही है?

उत्तर: पुनर्निर्माण की चर्चा व्यक्ति के नहीं, बल्कि समाज के लिए हो रही है।

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१४. सर्वोच्च भावना के क्या चार गुण हैं?

उत्तर:

  • सभी के प्रति मैत्री।
  • गुणियों के प्रति श्रद्धा।
  • दुःखियों के प्रति दया।
  • दुष्टों के प्रति उपेक्षा।

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